https://youtu.be/tOzBLy8PPEo https://youtu.be/tOzBLy8PPEo ...
हमारी यह मानसिकता हो गयी है कि हम पिछड़े है, हम कमजोर है, हम कुछ नही कर सकते । जबकि पिछड़ी कोई जाति या व्यक्ति नही होता बल्कि पिछड़ी सिर्फ सोच या परिस्थिति होती है जिसे संकल्पशील मेहनत व प्रयास से बदला जा सकता है। अगर हमारा समाज और व्यक्ति खुद को असंस्कृत, असभ्य और पिछड़ा मानता है तो सवर्ण समाज भी हमारे...
हर रोज की तरह आज फिर यह शाम भी ढल जायेगी रात होते ही हर ओर रौशनी जल जायेगी कुछ भी नहीं बदलेगा सुबह नया सूरज निकलने से हालात वही होंगे बस तारीख बदल जायेगी। #नया_साल क्या होगा नए साल में? हर व्यक्ति ने उतने ही नए साल देखे है जितनी उसकी उम्र है। हर व्यक्ति नए साल के नाम से उल्लासित होता...
स्वाधीनता का रास्ता हमेशा सरल नहीं होता. बावजूद इसके कि कल्याण राज्य की अवधारणा मानवमात्र के लिए अधिकतम स्वाधीनता के विचार पर टिकी है, सभ्यताकरण की कोशिश में मानवीय स्वाधीनता पर निरंतर हमले होते रहे हैं. मनुष्य ने खेती करना सीखा. एक जगह टिककर खेती करते–करते एक समय ऐसा आया जब समाज के संसाधन मुट्ठी–भर आदमियों के हाथों में सिमट गए और बाकी लोक उनकी इच्छा के...
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Dear heroes please read Carefully and follow eachone The importance of "Unity of Command" in a social Organisation. साथियों हम सामाजिक सङ्गठनों का निर्माण कुछ सामाजिक उद्द्देश्यों या लक्ष्यों की प्राप्ति हेतू करते है। जिसमे हम समान विचार धारा के उन सामाजिक साथियों को साथ लेते है जिनकी उन उद्द्देश्यों या लक्ष्यों को प्राप्त करने या उनके लिए संघर्ष करने की सहमति हो।...
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