18:16
शुभ संध्या
प्रिय युवा साथियों
भाइयों व् बहनो
सम्माननीय समाज बंधुओं
हमने पिछले ब्लॉग्स में विभिन्न राज्यों की मृण कला उसमे प्रयुक्त होने वाले नए पुराने उपकरणों उनको विक्रय करने के नए पुराने तरीको पर विचार किया व् अपने सुझाव पेश किये।
परंतु किसी भी सामाजिक बदलाव को लाने के लिए सबसे पहली शर्त समाज का एकजुट व् संगठित होना है। कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि इस मामले में हम आगे बढ़ने की बजाय पिछड़े ही है। आखिर क्यों हमारी यह समझ में नहीं आता कि बिखराव से हम नुकसान में ही जायेंगे फायदा राति भर भी नहीं है । हाँ फायदा उन लोगों का जरूर है जो हमें बिखेर कर अपनी महत्वाकांक्षाएं पूरी करते है।
कसूर उनका नहीं हमारा है । क्या आज हमारे समाज में इतने भी समझदार या शिक्षित लोग नहीं है जो चंद ऐसे समाज तोड़क लोगों को दरकिनार कर समाज की एकता अखंडता के लिए आगे आएं। देखा जाय तो यह हमारे समाज का (दुर्गुण कहे या) गुण रहा है कि कौन पचड़े में पड़े। पढ़े लिखे अग्रणी लोगों की इसी सोच से ऐसे नकारात्मक व् समाज तोड़क लोगों के हौसले बढे है।
हमें यह सोच कर संतुष्ट नहीं हो जाना चाहिए कि समाज संगठित या बिखरा हमें क्या, हम तो सरकारी नोकरी में है डॉक्टर इंजीनियर अधिवक्ता व्यापारी उद्योगपति पूंजीपति (या जो भी)है।पर ध्यान रहे पीढ़ी पीछे भी आ रही है उसका भी ख्याल रखना होगा।
उनको एक संगठित समाज सुरक्षित भविष्य देना होगा। और वो हमारी आपकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है।
साथियों !
हमारा समाज आज अनगिनत टुकड़ो, वर्गों में बंटा हुआ है किसी ने मिटटी के बर्तन बनाना छोड़ कर राजमिस्त्री का काम शुरू कर दिया उसने अपने आप को कुम्हार कहना छोड़ कर कड़िया बन गया कोई खेतीखाड़िया बन गया कोई सेणी वर्मा यहाँ तक की कोई तो शर्मा भी बन गया।
जो लोग अपनी मातृ भूमि मातृ भाषा मातृ धर्म और मातृ जाती का सम्मान नहीं कर सकते उनको भी कही सम्मान नहीं मिल सकता।क्योंकि सब जानते है जो माँ के नहीं हुए वो भला मौसी के कैसे होंगे।
इसलिए समय परिस्थितियों के साथ हमने कोई भी व्यापार पेशा अपनाया हो पर जाती तो हमारी कुम्हार प्रजापति ही रहेगी।
कहने का शारांश यही है क़ि यदि हमें अपने हक़ों को पाना है, जिससे हम आजादी के बाद से ही वंचित रहे है तो इसकी पहली जरुरत हमारी एकता है।
हमारे बिखराव का नतीजा यह रहा है कि हमें कुम्हार बोल कर ना कोई नगर पालिका की टिकट देता है ना विधान सभा की ना लोकसभा की ना किसी तरह का मनोनयन हमारे समाज बंधू को मिलता है।
जबकि जनसँख्या में हम भारत वर्ष की एक आध जाती से ही कम है। अकेले राजस्थान में हमारे 60 -65 विधान सभा क्षेत्र ऐसे है जहाँ हम जितने जिताने की क्षमता रखते है तो बहुत ऐसे क्षेत्र ऐसे है जहा हम राजनेतिक पार्टियों के समीकरण बिगाड़ सकते है।
सबसे बड़ी बात यह है कि हमारी जाती भारतवर्ष के हर हिस्से में पाई जाती है।
बावजूद इन सबके हम राजनितिक धरातल पर नहीं के बराबर है। आज कुछ राज्यो में एक एक दो दो समाज बंधू कुछ राज्यों में मंत्री या mla है जो गिनती में हाथो की अँगुलियों से भी कम है।उत्तरप्रदेश के खननमंत्री श्री गायत्री प्रसादजी प्रजापति राजस्थान ग्रामीण विकास मंत्री श्री सुरेद्र गोयल जी गोआ के डिप्टी स्पीकर श्री अनंत सेठजी के आलावा शायद एक दो माटी कला बोर्डों के चेयरमेंस के अलावा शायद ही कोई सत्ता के पदों पर आशीन हो।जो है उन पर भी वर्ष में तीन बार तलवार लटकती है क्योंकि उनका मज़बूत जातीय आधार नहीं है।
इस डर से जो एक आध लोग कही मंत्री आदि है वे भी राजनेतिक पार्टियों की अनुकम्पा पर रहते है समाज की कोई मांग नहीं उठा पाते।
अगर हम समाज जन समाज के बिच से समाज के मत बल पर नुमाइंदे चुन कर नगर परिषद् विधान सभा लोकसभा में भेजेंगे वे ही समाज की बात उठा पाएंगे समाज को न्याय दिला पाएंगे।
और वह तभी संभव होगा जब हम संगठित होंगे। राजनीती में सक्रीय होंगे। शिक्षित सक्षम लोग समाज के लिए गंभीर होंगे,राजनीती को अछूत नहीं मान कर राजनीती में सक्रीय बनेंगे।
आज चुनावों में पैसे शराब और सब तरीके के अनेतिक हथकंडे अपनाये जाते है जिसे देखकर कोई भी चरित्रवान व्यक्ति इस कीचड़ में उतरना नहीं चाहता लेकिन यदि समाज जन अच्छे चरित्र वाले लोगों को आश्वस्त करे की आपकी जीत हम नेतिक तरीकों से सुनिश्चित करेंगे तो बहुत शिक्षित व् साफ सुथरे उम्मीदवार आगे आएंगे। जो हमें करना भी है।
साथियों !
प्रजापति हीरोज ने पिछले 8-9 महीनों से यह मुहीम चलाकर भारतवर्ष के सभी प्रदेशों के हज़ारों बुद्धिजीवियों को एक साथ खड़ा किया है जो कृतसंकल्प है समाज को संगठित शिक्षित रूढ़िवाद रहित करने के लिए व् राजनेतिक हिस्सेदारी के लिए प्रेरित करने के लिए हमारे साथ जुड़े ।हीरोज की अपनी कोई पदलालसा महत्वाकांक्षा नहीं है।जो समाज बंधू सामाजिक संस्था प्रजापति समाज के मुद्दों को लेकर आगे बढ़ना चाहे हमारा पूर्ण समर्थन उनके साथ है।
इसलिए साथियों साथ आइये कदम से कदम मिलाइये। संगठित बनिए सक्षम बनिए।
हम मिल कर देंगे समाज को नई दिशा ।
हम मिलकर सुधारेंगे समाज की दशा।।
जय प्रजापति। विजय प्रजापति।
बेटी बचाओ । बेटी पढ़ाओ।
शिक्षित बेटी। सक्षम बेटी।।
बने रहिये प्रजापति हीरोज के साथ
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आपका
सत्यनारायण प्रजापति
संस्थापक व् राष्ट्रिय संयोजक
प्रजापति हीरोज
मोब व् व्हाट्स एप्प न.08220521129
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हमने पिछले ब्लॉग्स में विभिन्न राज्यों की मृण कला उसमे प्रयुक्त होने वाले नए पुराने उपकरणों उनको विक्रय करने के नए पुराने तरीको पर विचार किया व् अपने सुझाव पेश किये।
परंतु किसी भी सामाजिक बदलाव को लाने के लिए सबसे पहली शर्त समाज का एकजुट व् संगठित होना है। कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि इस मामले में हम आगे बढ़ने की बजाय पिछड़े ही है। आखिर क्यों हमारी यह समझ में नहीं आता कि बिखराव से हम नुकसान में ही जायेंगे फायदा राति भर भी नहीं है । हाँ फायदा उन लोगों का जरूर है जो हमें बिखेर कर अपनी महत्वाकांक्षाएं पूरी करते है।
कसूर उनका नहीं हमारा है । क्या आज हमारे समाज में इतने भी समझदार या शिक्षित लोग नहीं है जो चंद ऐसे समाज तोड़क लोगों को दरकिनार कर समाज की एकता अखंडता के लिए आगे आएं। देखा जाय तो यह हमारे समाज का (दुर्गुण कहे या) गुण रहा है कि कौन पचड़े में पड़े। पढ़े लिखे अग्रणी लोगों की इसी सोच से ऐसे नकारात्मक व् समाज तोड़क लोगों के हौसले बढे है।
हमें यह सोच कर संतुष्ट नहीं हो जाना चाहिए कि समाज संगठित या बिखरा हमें क्या, हम तो सरकारी नोकरी में है डॉक्टर इंजीनियर अधिवक्ता व्यापारी उद्योगपति पूंजीपति (या जो भी)है।पर ध्यान रहे पीढ़ी पीछे भी आ रही है उसका भी ख्याल रखना होगा।
उनको एक संगठित समाज सुरक्षित भविष्य देना होगा। और वो हमारी आपकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है।
साथियों !
हमारा समाज आज अनगिनत टुकड़ो, वर्गों में बंटा हुआ है किसी ने मिटटी के बर्तन बनाना छोड़ कर राजमिस्त्री का काम शुरू कर दिया उसने अपने आप को कुम्हार कहना छोड़ कर कड़िया बन गया कोई खेतीखाड़िया बन गया कोई सेणी वर्मा यहाँ तक की कोई तो शर्मा भी बन गया।
जो लोग अपनी मातृ भूमि मातृ भाषा मातृ धर्म और मातृ जाती का सम्मान नहीं कर सकते उनको भी कही सम्मान नहीं मिल सकता।क्योंकि सब जानते है जो माँ के नहीं हुए वो भला मौसी के कैसे होंगे।
इसलिए समय परिस्थितियों के साथ हमने कोई भी व्यापार पेशा अपनाया हो पर जाती तो हमारी कुम्हार प्रजापति ही रहेगी।
कहने का शारांश यही है क़ि यदि हमें अपने हक़ों को पाना है, जिससे हम आजादी के बाद से ही वंचित रहे है तो इसकी पहली जरुरत हमारी एकता है।
हमारे बिखराव का नतीजा यह रहा है कि हमें कुम्हार बोल कर ना कोई नगर पालिका की टिकट देता है ना विधान सभा की ना लोकसभा की ना किसी तरह का मनोनयन हमारे समाज बंधू को मिलता है।
जबकि जनसँख्या में हम भारत वर्ष की एक आध जाती से ही कम है। अकेले राजस्थान में हमारे 60 -65 विधान सभा क्षेत्र ऐसे है जहाँ हम जितने जिताने की क्षमता रखते है तो बहुत ऐसे क्षेत्र ऐसे है जहा हम राजनेतिक पार्टियों के समीकरण बिगाड़ सकते है।
सबसे बड़ी बात यह है कि हमारी जाती भारतवर्ष के हर हिस्से में पाई जाती है।
बावजूद इन सबके हम राजनितिक धरातल पर नहीं के बराबर है। आज कुछ राज्यो में एक एक दो दो समाज बंधू कुछ राज्यों में मंत्री या mla है जो गिनती में हाथो की अँगुलियों से भी कम है।उत्तरप्रदेश के खननमंत्री श्री गायत्री प्रसादजी प्रजापति राजस्थान ग्रामीण विकास मंत्री श्री सुरेद्र गोयल जी गोआ के डिप्टी स्पीकर श्री अनंत सेठजी के आलावा शायद एक दो माटी कला बोर्डों के चेयरमेंस के अलावा शायद ही कोई सत्ता के पदों पर आशीन हो।जो है उन पर भी वर्ष में तीन बार तलवार लटकती है क्योंकि उनका मज़बूत जातीय आधार नहीं है।
इस डर से जो एक आध लोग कही मंत्री आदि है वे भी राजनेतिक पार्टियों की अनुकम्पा पर रहते है समाज की कोई मांग नहीं उठा पाते।
अगर हम समाज जन समाज के बिच से समाज के मत बल पर नुमाइंदे चुन कर नगर परिषद् विधान सभा लोकसभा में भेजेंगे वे ही समाज की बात उठा पाएंगे समाज को न्याय दिला पाएंगे।
और वह तभी संभव होगा जब हम संगठित होंगे। राजनीती में सक्रीय होंगे। शिक्षित सक्षम लोग समाज के लिए गंभीर होंगे,राजनीती को अछूत नहीं मान कर राजनीती में सक्रीय बनेंगे।
आज चुनावों में पैसे शराब और सब तरीके के अनेतिक हथकंडे अपनाये जाते है जिसे देखकर कोई भी चरित्रवान व्यक्ति इस कीचड़ में उतरना नहीं चाहता लेकिन यदि समाज जन अच्छे चरित्र वाले लोगों को आश्वस्त करे की आपकी जीत हम नेतिक तरीकों से सुनिश्चित करेंगे तो बहुत शिक्षित व् साफ सुथरे उम्मीदवार आगे आएंगे। जो हमें करना भी है।
साथियों !
प्रजापति हीरोज ने पिछले 8-9 महीनों से यह मुहीम चलाकर भारतवर्ष के सभी प्रदेशों के हज़ारों बुद्धिजीवियों को एक साथ खड़ा किया है जो कृतसंकल्प है समाज को संगठित शिक्षित रूढ़िवाद रहित करने के लिए व् राजनेतिक हिस्सेदारी के लिए प्रेरित करने के लिए हमारे साथ जुड़े ।हीरोज की अपनी कोई पदलालसा महत्वाकांक्षा नहीं है।जो समाज बंधू सामाजिक संस्था प्रजापति समाज के मुद्दों को लेकर आगे बढ़ना चाहे हमारा पूर्ण समर्थन उनके साथ है।
इसलिए साथियों साथ आइये कदम से कदम मिलाइये। संगठित बनिए सक्षम बनिए।
हम मिल कर देंगे समाज को नई दिशा ।
हम मिलकर सुधारेंगे समाज की दशा।।
जय प्रजापति। विजय प्रजापति।
बेटी बचाओ । बेटी पढ़ाओ।
शिक्षित बेटी। सक्षम बेटी।।
बने रहिये प्रजापति हीरोज के साथ
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PRAJAPATI HEROES
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सत्यनारायण प्रजापति
संस्थापक व् राष्ट्रिय संयोजक
प्रजापति हीरोज
मोब व् व्हाट्स एप्प न.08220521129
2 comments
बहोत अच्छा!
ReplyDeleteहम आपके साथ है प्रजापति समाज को आगे लेकर जाना है जब तक है सांसें करते रहेगे अपनों के लिए जंग
ReplyDeleteजय प्रजापति विजयी प्रजापति
बहुत ही अच्छी लाईनें एकता के सदेंश में जय हिंद जय भारत