आओ समाजोत्थान का संकल्प लें
23:48गीता में एक श्लोक है -
"परस्परं भावयन्तः श्रेयः परमवाप्स्यथः!! "
अर्थात - देव भाव से एक दुसरे को उपर उठाते हुए तुम सब परम कल्याण को प्राप्त होवोगे।
आज हमारे समाज को इस्के अनुसरण की अत्यंत आवश्यकता है। भारत वर्ष के हर
शहर , गाँव एवम ढाणी में निवास करने वाला हमारा समाज जनसंख्या की दृष्टि से देश के कुछेक समाजों से ही कम है फिर भी हम समयोचित उन्नति नही कर पाये जिसका मूल कारण सामंजस्य व सदभाव की कमी है।
आज हमारा समाज विभिन्न वर्गों में बंटता जा रहा है। राजनैतिक व संगठनात्म सोच की भिन्नताओं आपसी द्वेष ईर्ष्या के कारण आपस में दरारें गहराती जा रही है।
हमारी आपसी फुट का अन्य समाजों के लोग, प्रशासनिक अधिकारी और राजनैतिक दल जमकर फायदा उठा रहे है जिसके चलते हमारे समाज के लोगों आये दिन हो रहे अत्याचारों की कहीं कोई सुनवाई नही होती और उल्टा उन्हें ही दबाया जाता है।
समाज में एकता और सदभाव नही होने की वजह से आज हमें कोई भी राजनैतिक दल महत्व नही देता जिसके परिणाम स्वरुप राज्य सभा व लोक सभा में हमारी उपस्थिति जीरो है
तो विधानसभाओं में देश भर में 8 - 9 विद्यायक है , वे भी अपनी अपनी पार्टियों की अनुकम्पा पर निर्भर होने के कारण खुलकर समाज का साथ नही दे सकते जिससे उन्हें समाज के कोपभाजन का शिकार होना पड़ता है।
इससे उबरने के उपाय है
हमे समाज में व्याप्त वर्गभेद को जड़ से उखाड़ फेंकना होगा।
हमे आपसी वैचारिक मतभेदों को सामाजिक एकता में बाधक बनने पर अंकुश लगाना होगा।
हमे राजनैतिक व संगठनात्मक वैचारिक भिन्नता का समाज हित के विषयों पर त्याग
करना होगा।
हमे समाज हित को सर्वोपरि मानते हुए व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं, व्यक्तिगत द्वेष , ईर्ष्या व मनमुटाव को सामाजिक हित में आड़े आने से रोकना होगा।
समाज का कोई भी संगठन , नेता या व्यक्ति कोई भी समाज हित का कोई कार्य कर रहा हो, किसी तरह का धरना, प्रदर्शन या सभा सम्मेलन कर रहा हो तो हमे उसे पूर्ण समर्थन देना होगा।
समाज का कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का चुनाव किसी भी राजनैतिक दल से या निर्दलीय लड़ता हो तो समाज में सर्व सहमति बना कर उसका तन, मन और धन से साथ देना होगा।
जैसा कि श्लोक में “देव भाव” का हवाला दिया गया है देव भाव अर्थांत मोह माया ईर्ष्या द्वेष इन सब का त्याग कर परस्पर सहयोग व सदभाव से ही समाज का परम कल्याण सम्भव हो सकेगा।
भारतीय प्रजापति हीरोज आर्गेनाईजेशन ने इसके लिए अपने सदस्यों से इस हेतु एक संकल्प करवाने का निर्णय लिया है जिसके अंतर्गत हीरोज का हर सदस्य यह संकल्प लेगा कि वह
समाज हित को सर्वोपरि मानते हुए अपने व्यक्तिगत , राजनैतिक व संगठनात्मक वैचारिक मतभेदों के चलते किसी भी सामाजिक भाई ,बहन या समाज के संगठन द्वारा किये जाने वाले समाज हित के कार्य का विरोध नही करते हुए उसमे अपना यथाशक्ति योगदान करूँगा।
इसके साथ ही हीरोज द्वारा समाज के सभी भाई बहनों से भी इस तरह का संकल्प लेकर समाज को बुलंदियों पर पहुंचाने में सहयोग करने का आव्हान किया जाता है।
यह जाहिर है कि हमारे समाज के उत्थान में कोई बाधा है तो वह हमारी खुद की व्यक्तिगत अति महत्वाकांक्षाएँ, ईर्ष्या ,द्वेष व परस्पर सदभावना की कमी ही है अगर हमने इनसे पार पा लिया तो तो कोई ताकत हमारे समाज को हर क्षेत्र में नम्बर एक बनने से नही रोक सकती।
एक बनो
नेक बनो
खुद पर विश्वास करो
सम्भावनाओं को सम्भव बनाओ
जय प्रजापति विजय प्रजापति
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